“घाटी में बहार: 38 साल बाद बॉलीवुड फिल्म की स्क्रीनिंग, पहली बार रामकथा का मंचन, सितंबर में क्रिकेट सीरीज”

Date:

38 वर्षों के बाद पहली बार श्रीनगर में किसी बॉलीवुड फिल्म की स्क्रीनिंग हुई है, वहीं दूसरी ओर पहली बार डल झील के किनारे नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन शनिवार से होगा। कश्मीर की फिजा बदल रही है। श्रीनगर में सैलानियों की आमद बढ़ी है, दूसरी ओर यहां बड़े आयोजन भी किए जा रहे हैं। शुक्रवार को इमरान हाशमी की फिल्म ग्राउंड जीरो का श्रीनगर के आईनॉक्स पीवीआर में प्रीमियर हुआ। 38 वर्षों के बाद पहली बार श्रीनगर में किसी बॉलीवुड फिल्म की स्क्रीनिंग हुई है, वहीं दूसरी ओर पहली बार डल झील के किनारे नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन शनिवार से होगा। काफी प्रयासों के बाद अब कश्मीर की वादियां यहां आने वाले सैलानियों से गुलजार हैं। मौसम खुशगवार है और माहौल भी काफी बेहतर है। यहां सैलानी तो बढ़े ही हैं, ईवेंट कंपनियां भी आयोजन कर रहीं हैं। वीरवार को इरफान पठान और प्रवीण कुमार ने यहां सितंबर में एक क्रिकेट सीरीज की घोषणा की। शुक्रवार को एक्सेल एंटरटेनमेंट ने कश्मीर पर आधारित अपनी आने वाली फिल्म ग्राउंड जीरो की स्क्रीनिंग की। श्रीनगर में हुए इस प्रीमियर के दौरान रेड कारपेट पर बीएसएफ के जवानों और फिल्म की पूरी टीम ने एंट्री की। ग्राउंड जीरो का यह खास प्रीमियर बीएसएफ के जवानों के लिए आयोजित किया गया था।

डल के किनारे सज गया रामदरबार
डल झील के किनारे शेर-ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन शनिवार से किया जाएगा। भारत के प्रसिद्ध संत मोरारी बापू श्रीराम की कथा सुनाएंग। इसके लिए व्यासपीठ (रामदरबार) तैयार है।

शुक्रवार शाम तक कथा की तैयारियां चलती रहीं। शनिवार शाम इसका शुभारंभ किया जाएगा। देश-विदेश से करीब दो हजार लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। उनके बैठने के लिए कन्वेंशन सेंटर के अंदर ही व्यवस्था की गई है।

सभी श्रोताओं को पास जारी किए जाएंगे। बिना पास अंदर प्रवेश वर्जित होगा। आयोजन समिति से जुड़े ब्रजेश पांडे ने बताया कि लगभग सभी तैयारियां पुरी हैं। शनिवार से प्रसिद्ध संत मोरारी बापू यहां रामकथा सुनाएंगे।

यह भी है बदलाव की एक तस्वीर
गांदरबल में शुक्रवार को 86 महिलाएं एकसाथ कांस्टेबल बनीं। पासिंग आउट परेड के दौरान एक महिला कांस्टेबल ने अपनी पगड़ी मां को पहनाई, तो वह भावुक हो गईं। 

अनुच्छेद-370 हटने के बाद विकास में भागीदार बनने की सोच भी तेजी से पनपी है। यह बदलाव स्थानीय महिलाओं में भी आया है। वे आतंक से मुकाबले के साथ कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए शान से खाकी वर्दी पहन रही हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Air India crash, death toll rises to 270

The death toll from the tragic Air India plane...

“धरती आबा बिरसा मुंडा: स्वतंत्रता संग्राम का अमिट प्रतीक”

स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे शहीद बिरसा बटेश्वर मेहता...

Elon Musk announces departure from US President Trump’s administration

Musk announced the news on X, where he declared...

PM Modi Mourns the Loss of Veteran Akali Leader Sukhdev Singh Dhindsa

Prime Minister, Shri Narendra Modi, has condoled passing of...